Blood Bank

DEV NANDINI BLOOD BANK

  • अधिकृत लाइसेंस प्राप्त रक्त बैंक Authorized Licensed Blood Bank
  • अंतर्राष्ट्रीय मानदंड पालन Meet the International Standards.
  • प्रत्येक दिन चौबीसों घंटे खुला Available24×7 days including Sundays and holidays
  • मानव सेवा में तत्पर Committed to service of man kind
  • हरदम सहज-सुलभ Easily approachable
  • योग्य एवं प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा प्रबन्धित Managed by highly qualified and trained personals
  • उच्च प्रोद्योगिकी उपयोग State of Art technology
  • स्थापित परिचालन कार्य-विधि पालन Maintain Standard Operating Procedures

Equipped with all modern equipments required for:-  

  • रक्त एवं रक्त-दाता की जांच  Screening of blood as well as donors
  • रक्त का क्रॉस-मैच परीक्षण Cross Match Testing of blood

 रोगाणु-रहित रक्त प्रेषण सुनिश्चित To rule out possibilities for supply of blood containing  Transferable Diseases

Blood Bank ensures:

  • यंत्रो की नियमित जांच / नियमित परिणाम का पुष्टिकरण Regular Calibration of machines / Validation of results
  • कठोर मानदंडो पर स्वैछिक रक्त-दाताओं का चयन Donors are Volunteer and  meet strict criteria of selection

The blood bank is capable of processing

  • सम्पूर्ण मानव रक्त Whole human blood
  • परिपूर्ण लाल रक्त-कण Packed Red Blood cells
  • नवीन जमा-हुआ प्लाज्मा Fresh frozen plasma
  • सान्द्र प्लेटलेट Platelet concentrates
  • प्लेटलेट फेरेसिस Platelet pheresis

Services available :-

  • कठोर रक्त-दाता जांच पद्दति-पालन से सुरक्षित रक्त आपूर्ति Safe blood through stringent donor screening practices
  • एलिसा जांच (HIV-1&2, HbsAg, AND HCV) ELISA testing (HIV-1&2, HbsAg, AND HCV)
  • मलेरिया व् सिफलिस हेतु रक्त जांच Blood testing for malaria & syphilis
  • स्वचालित रक्त-घटक प्रथकीकरण प्रणाली Automated blood component separation systems
  • परिष्कृत एफेरेसिस उपकरण (जम्बो पैक) Sophisticated Apheresis equipments (Jumbo-pack)
  • परिशुद्ध रक्त-समूहीकरण व् विपरीत मिलान प्रणाली Accurate blood grouping and cross matching system
  • Irregular antibody screening for donors and patients रोगी एवं रक्त-दाता हेतु असमान प्रतिरक्षी जांच
रक्त क्या है। एक व्यक्ति के शरीर में कितना रक्त होता हैl

 रक्त हमारे शरीर की संचार प्रणाली में लगातार बह रहा रंग का तरल पदार्थ है, एक स्वस्थ व्यक्ति के शिरीर में वनज के 1/12 वे भाग के बराबर (6-7 लीटर) रक्त होता है।

 

रक्त मुख्य रूप से कोशिकाओं और प्लाज्मा से बना होता है। कोशिकाऐं हैं-लाल रक्त कोशिकाए ;त्ठब्द्ध सफेद रक्त कोशिकाए ;ॅठब्द्धए और छोटे प्लेटलेट्स सेलुलर तत्व के रूप में।

 हीमोग्लोबिन लाल कोशिकाओं में मौजूद पदार्थ है। यह ऑक्सीजन और कार्बन हाईऑक्सइड को लाने लेजाने में सहायक है। औसतन, एक स्वस्थ पुरूष में यह 13 से -17 ग्राम  प्रतिशत और एक महिला में यह लगभग 12 से 15 ग्राम प्रतिशत के बीच होना चाहिये।

 

हर व्यक्ति के रक्त समूह दो प्रकार के होते है, एक ।ठव् ग्रुप और दूसरा त्ी ग्रुप कहा जाता है। ।ठव् ग्रुप चार भागों में बाटा गया है ।एठए।ठ  और व् त्ी ग्रुप भी दो भागों में बाटा गया है- च्वेपजपअम ंदक छमहंजपअमणl

सभी व्यवहारिक और दिनचर्या प्रयोजनों के लिए। आदर्श रूप से बीमार व्यक्ति को उसी ग्रप का रक्त दिया जाना चाहिए। प्राण रक्षा में व् छमहंजपअम करे सार्वभौमिकदाता और ।ठ च्वेपजपअम को सार्वभौमिक प्राप्तकर्ता माना जा सकता है।

 ठ समूह के लोगों के रक्त में ।दजप । एंटीबॉडी होती है, यदि ठ समूह के रोगी के लिए । समूह का रक्त देते हैं, यह असंगत होना स्वाभाविक है और परिणाम गंभीर होंगे।

त्ी छमहंजपअम रक्त के साथ एक रोगी प्रतिजन प्रतिरक्षी प्रतिक्रियाओं के गंभीर परिणाम होगा। अतः त्ी च्वेपजपअम  रक्त नहीं दिया जा सकता। जहां एक महिला आरएच नकारात्मक है और उसके पति आरएच पॉजिटिव है, आरएच पॉजिटिव के साथ पहला बच्चा सामान्य हो सकता है, लेकिन बाद में महिला गर्भ धारण नहीं कर सकती है। गर्भपात हो सकता है या इंट्रा यूटेराइन भ्रूण की मौत हो सकती है, नवजात बच्चे जिन्दा हैं, तो यह ‘‘गर्भलोहित – कोशिका – प्रसूमयता म्तलजीतवइसेंजवतेपे थ्वमजंसपेश्  नामक घातक बीमारी से पीड़ित हो जाता है, अब माताओं एक आरएच पॉजिटिव बच्चे के प्रसव के 24 घंटे के भीतर ।दजप क् का इंजेक्शन दिया जा सकता है और इस तरह इस तबाही से अगले बच्चे की रक्षा करता है।

रक्त को प्लास्टिक की थैलियों में इकट्ठा किया जाता है, जिसमें एक द्रव होता है जो रक्त को जमने से रोकता है। एक व्यक्ति से 350/450 मिली लीटर रक्त, दाता के वनज के आधार पर लिया जाता है। यह रक्त और बैग में मौजूद द्रव की राशि, रक्त की एक यूनिट के रूप में जाना जाता है।

वैज्ञानिकों ने बहुत कोशिश की है, लेकिन अब तक वे सफल नहीं रहे हैं, केवल एक इंसान का रक्त ही मानव मरीज को चढ़ाया जा सकता है।

ब्च्क्। द्रव के साथ और 2-4 0ब डिग्री पर रक्त 35 दिन तक संग्रहित किया जा सकता है। लेकिन रक्त की कमी के कारण मांग इतनी ज्यादा है कि शायद ही रक्त कभी इतने लम्बे समय के लिए भंडारण में रहता हो यह समाप्ति से पहले ही मरीज को दे दिया जाता है।

रोगियों को जीवित रहने के लिए खून की जरूरत है, जिसमें कई स्थितियाँ है:-

  •  बड़ी दुर्घटना के बाद रक्त की हानि होती है और खून की जरूरत होती है।
  •   बड़ी सर्जरी में रक्त की कमी होना स्वाभाविक है।
  •   औसतन हर ओपन हार्ट सर्जरी के लिए 6 यूनिट रक्त की आवश्यकता होती है।
  •   गर्भपात या प्रसव के मामलों में महिला और बच्चे की जान बचाने के लिए रक्त की बड़ी राशि की जरूरत हो सकती है।
  •   गंभीर ।दंमउपें विशेष रूप से ।दंचसेंजपब ।दंमउपेंए स्मनबंमउपें (रक्त कैंसर), हीमोफीलिया (खून बह रहा विकार), थैलेसीमिया आदि की तरह के रक्त रोगों, के रोगियों के लिए रक्ताधान ही समाधान हैl
  •  विषाक्तता, दवा प्रतिक्रियाओं, अनमोल मानव जीवन को अचाने के लिए एक ही राक्ता है।

हाँ, हमारे ब्लड़ बैंक में एकत्रित सभी रक्त का नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग द्वारा मलेरिया, एड्स 1 – 2ए टक्त्स्ए पीलिया ;भ्इे ।हए भ्ब्टद्धए का परीक्षण किया जाता है।

संत रक्त (बेमल खून) के कूछ मिलीलीटर संचारण के बाद ही रोगियों को निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं: –

  •  रोगी को कपकपी, बेचैनी, मतली और उल्टी च्तमबंतकपंस और काठ का दर्द की शिकायत हो सकती है।
  •  नीलिमा के साथ ठंड लगना।
  •  पल्स दर बढ़ जाती है, सांस की दर बढ़ जाती है, तापमान 101-105 0थ् तक बढ़ जाता है।
  •  रक्तचाप गिर जाता है।
  •  भ्ंमउवहसवइपदंमउपंए भ्ंमउवहसवइपदनतमं (मूत्र लाल हो जाता है), पेशाब की कमी (मूत्र अल्प हो जाता है या मूल उत्पादन कम हो जाता है) और अमूत्रता (मूत्र का कुल उत्पादन 200 मिलीलीटर हो जाता है।
  •  पीलिया कुछ ही घंटों के बाद दिखाई देता है।

रक्त दाताओं के दो प्रकार हैं: –

  •  प्रतिस्थापन दान – रोगी के स्वस्थ रिश्तेदार और दोस्त किसी भी समूह का रक्त देकर आवश्यक रक्त समूह का रक्त लेते हैं।
  •  स्वैच्छिक दान – यहां रक्तदाता स्वेच्छा से रक्मदान करते हैं। रक्त भी दाता की पहचान प्रकट किए बिना, किसी भी मरीज के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। एक इंसान निःस्वार्थ सेवा में रक्त देता है। यह रक्तदान का सबसे अच्छा प्रकार है।

18-65 साल की आयु समूह के भीतर और 45 किलोग्राम से ज्यादा शरीर के वनज और 12.5 ग्राम प्रतिशत से ज्यादा हीमोग्लोविन का व्यक्ति स्वस्थ रक्तदाता हो सकता है। 

रक्तदाता को नियमित रूप से खाना खाने और तरल पदार्थ का खूब सेवन करना चाहिए।

यह प्रक्रिया कुशल, विशेष रूप से प्रशिक्षित तकनीशियानों द्वारा की जाती है और 3-8 मिनट लगते हैं।

जब सुई लगाई जाती है तब एक पल के लिए दर्द होता है लेकिन रक्तदान के दौरान कोई दर्द नहीं होता।

बिल्कुल नहीं, बल्कि रक्त दिए जाने के बाद रक्तदाता बहुत खशी, शान्ति और आनन्द अनुभव करता है। जल्दी ही 24 से 48 घंटे की अवधि के भीतर, नए रक्त का गठन, रक्त की पूर्ति कर देता है। रक्तदाता अपने ही शरीर के रक्त परिसंचरण में सुधार, और वह खुद को पहले से ज्यादा स्वस्थ, स्फूर्ति महसूस करता है।

हाँ, रक्तदान के बाद जल्द ही दान किए रक्त की मात्रा के बराबर, एक प्राकृतिक तरीके से शरीर पूल ;त्मेमतअमद्ध से पूरा कर दिया जाता है। अतः रक्तदान के बाद 20-30 मिनट लेटकर आराम करना चाहिये।

बेशक! नियमित काम प्रारम्भिक आराम के बाद बिल्कुल ठीक है। कठोर शारीरिक काम से कुछ घंटो के लिए बचा जाना चाहिए।

थोड़ी देर आराम करने के बाद दाता को कुछ तरल दिया जात है। यह एक कप कॉपी यह कुछ बिस्कुट या फल के साथ दूध या फलों का रस हो सकता है। दाता को कोई अन्य विशेष आहार की जरूरत नहीं है। एक नियमित संतुलित आहार पर्याप्त है।

थोड़ी देर आराम करने के बाद दाता को कुछ तरल दिया जात है। यह एक कप कॉपी यह कुछ बिस्कुट या फल के साथ दूध या फलों का रस हो सकता है। दाता को कोई अन्य विशेष आहार की जरूरत नहीं है। एक नियमित संतुलित आहार पर्याप्त है।

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